वीर क्रांतिकारी निर्मल महतो 25 दिसंबर 1950 मैं झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर शहर के उलियान नमक जन्म होता हैं। इनके पिता का नाम जगबंधु महतो माता का नाम प्रिया वाला देवी अपने 8 भाई बहनों में तीसरा थे बचपन से ही निर्मल महतो को पढ़ाई लिखाई में काफी तेज तरार था लेकिन इनका गरीब परिवार में इनका जन्म हुआ आर्थिक तंगी थी तो इन्होंने घरों में ट्यूशन पढ़ना शुरु किया और अपना खर्च वो इस से निकाला करता था इसके बाद टाटा वर्कर यूनियन हाई स्कूल से अपनी ये 10 वी की पढ़ाई पूरी करते है 12 वी के पढ़ाई भी यही से करते हैं इसके बाद कोऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर से अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट करते हैं बचपन से निर्मल महतो को पढ़ाई में रुचि थी साथ ही साथ छात्र एक्टिविटी में भी इनका काफी जायदा योगदान रहा हैं। छात्र एक्टिविटी जहां छात्रा के साथ इनशाफी होता छात्रों के साथ कोई गलत होता है उसे जगह पर निर्मल महतो पहुंच जाया करते थे। कॉलेज के दिनो से वो काफी फेमस थे जब वो 12 की पढ़ाई कर रहे थे उस समय निर्मल महतो काफी लोकप्रिय हुए क्योंकि छात्रों में सबसे पहले आवाज उठाने का काम करते था छात्रों ने प्यार से दादा या निर्मल दा कह के पुकारा करते थे निर्मल महतो आगे की तरफ बढ़ते रहते है और लोगो के बिच उनकी लोकप्रियता बढ़ती रहती हैं सबसे जायदा पॉपुलर अगर कोई चेहरा है तो वे है निर्मल महतो क्योंकि वह जानते थे कि हर एक आंदोलन हर प्रोटेस्ट में सबसे पहले पहुंच जाया करते थे राजनीतिक दलों ने इस चीज को देखा और बहुत भली-भांति झारखंड आंदोलन हर एक नेता हर एक पॉलिटिकल पार्टी अहि चाहती थी की झारखंड निर्माण आंदोलन में बड़े से बड़े नाम चेहरों को हम लोग शामिल करें ताकि इस आंदोलन में इसी क्रम झारखंड में सबसे बड़ी पॉलिटिकल पार्टी झामुमो झारखंड मुक्ति मोर्चा जो झारखंड निर्माण आंदोलन में एक महत्पूर्ण भूमिका निभा रही थी कोई वर्षो से उनकी नजर निर्मल महतो की तरफ पड़ती है वे लोग समय जाते है की झारखंड निर्माण आंदोलन में तो वैसे आम लोग हैं। नेता और प्रजा ही शामिल है अगर झारखंड निर्माण आंदोलन में स्टूडेंट आ गए तो स्टूडेंट के आने से ये झारखंड निर्माण आंदोलन और जायदा महत्पूर्ण हो जायेगा और जायदा उग्र हो जायेगा क्यो कि छत्रो में नौजवानों में जो उत्साह होता है नॉर्मल सामान्य लोगो में नहीं होता और छात्रों को इस आंदोलन में जोड़ने के लिए छात्रों के मसीहा निर्मल महतो को अपने साथ सामिल करना था इसलिए निर्मल महतो का इस तरह से राजनेतिक करियर शुरू होता है तो इस प्रकार झामुमो के प्रयास से 15 दिसंबर 1980 को JMM के साथ शामिल हो जाते है निर्मल महतो लेकिन उनकी शर्त रहता है की जो मेरा कॉलेज लाइफ है जो मेरा कॉलेज जिंदगी है छात्रों के साथ मेरा जो लगाव है उस लगाव को मैं जारी रखूंगी मैं पूरी तरीके से राजनीतिक में प्रवेश नहीं करूंगा मेरी जो छात्र नेता की भूमिका है उस चीज में जरूर बना रहूंगा निर्मल महतो को न ही किसी राजनीतिक पार्टी का लालच था न ही नेता बनना था और न ही कोई अभिनेता बनना था वो सब लोगो के हित के लिए छात्रों की होती के लिए राजनीति में हुआ आए थे लेकिन राजनीति में जैसे ही निर्मल महतो के एंट्री होती है छात्रों का जान सैलाब झारखंड ।।…
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