जेनरेटर किसे कहते हैं:-

जेनरेटर यांत्रिक उर्जा से विद्युत उर्जा में बदलने का काम करती हैं।

योक (Yoke) :- याेक बॉडी को कहते हैं, यह कास्ट आयरन अथवा कास्ट स्टील के बने होते हैं।

आर्मेचर किसे कहते हैं:- मोटर के घूमने वाला भाग आर्मेचर होता है। इसका आकार गोल बेलनाकार जैसा होता हैं। जो सिलिकॉन स्टील से बनाया जाता हैं।

चित्र :-

आर्मेचर का उपयोग क्यों किया जाता हैं :- डी. सी. जेनरेटर में आर्मेचार का उपयोग चुम्बकीय फ्लक्स का आर्मेचर वाइंडिंग में विद्युत वाहक बल उत्पन्न करने के लिए किया जाता हैं। आर्मेचर को डी. सी. जेनरेटर की सॉफ्ट पर कस दिया जाता हैं।

आर्मेचर वाइंडिंग कितने प्रकार की होती हैं :- डी. सी. जेनरेटर में दो प्रकार की आर्मेचर वाइंडिंग प्रयोग की जाती हैं।

  1. लैप वाइंडिंग (Lap Winding)
  2. वेव वाइंडिंग (Wave Winding)

लैप वाइंडिंग :- जिस आर्मेचर वाइंडिंग में क्वाल्श के एक सिरे से दूसरे सिरे पर चढ़े हुए रहते हैं, वह लैप वाइंडिंग कहलाती हैं। यह वाइंडिंग दो प्रकार की होती हैं :-

  1. सिंपलेक्स लैप वाइंडिंग (Simplex Lap winding)
  2. मल्टीप्लेक्स लैप वाइंडिंग (Multiplex Lap winding)

वेव वाइंडिंग (Wave Winding) :- जिस आर्मेचर वाइंडिंग में कवायल्स के आमने सामने कम्यूटेटर पर आगे बढते जाते हैं, वह वेव वाइंडिंग कहलाती हैं।

लैमिनेटेड कोर किसे कहते है :- लैमिनेटेड कोर को आर्मेचर कोर भी कहा जाता हैं। यह देखने में गोलाकार होता हैं, इसमें बहुत सारे छेद बने होते हैं जो हवा पास करता हैं।

कम्यूटेटर (Commutator) :- यह अकार में वृताकार होता है, जो हार्ड ड्रोन तांबे की मोटी पतियों से बनाया जाता हैं। बैकलाइट के अधार पर कस कर बनाया जाता हैं। पतियों के बिच में खाली जगह होते हैं जिसमे अभ्रक भर दिया जाता है, कम्यूटेट को आर्मेचार स्फॉट पर रखा जाता है। इसका मुख्य कार्य आर्मेचर ‌क्वायल्स में उत्पन्न हुवे वि. वा. ब. को डी. सी. के रूप में परिपथ को पूरा करना होता है।

बेयरिंग (Bearing) :- आर्मेचर सॉफ्ट को बेयरिंग के द्वारा और प्लेट्स पर कसा जाता हैं। जेनरेटर में अधिकतर दो प्रकार के बेयरिंग प्रयोग किए जाते हैं। छोटे जेनरेटर में बुश बेयरिंग kiy जाती है, ओर बड़े जेनरेटर में बॉल बेयरिंग अथवा रोलर बेयरिंग प्रयोग की जाती हैं।

कूलिंग फैन (Cooling Fan) :- मशीन को ठंडा रखने के लिए आर्मीचर पर कम्यूटेटर के आगे कास्ट आयरन का पंखा लगाया जाता हैं। जैसे ही आर्मेचर घूमना शुरू करता हैं। यह पंखा भी खुमना शुरू करता है ठंडी हवा दे कर मशीन को ठंडा करता हैं।

स्लिप रिंग (Slip Ring) :- स्लिप रिंग दो धात्विक से बने होते हैं (ताबे या पीतल) के छल्ले होते है, जो आर्मेचर सॉफ्ट पर अचालक पदार्थ पर रखा जाता हैं। प्रत्येक स्लिप रिंग एक कार्बन ब्रश के संपर्क में रहती हैं।

फ्लेमिंग के दाएं हाथ का नियम (Fleming’s Right Hand Rule) :- विद्युत चुम्बकीय के सिद्धांत पर किसी चुम्बकीय क्षेत्र के गति चालक में उत्पन्न होने वाले विद्युत वाहक बल की दिशा ज्ञात करने के लिए फ्लेमिंग नामक वैज्ञानिक ने एक नियम बनाया था जो फ्लेमिंग का दाएं हाथ का नियम कहलाता हैं

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