ऐंठ हुआ जोड़ (Twisted Joint) :- इस प्रकार के जोड में तारो के सिरों में केबल के Conductors ko आपस में ऐंठ कर मोड़ दिया जाता हैं, इस प्रकार के जोड ओवर हेड लाइन में किया जाता हैं। इसे :- पिग टेल जोड़ और रेट टेल जोड़ के नाम से भी जाना जाता हैं।
मैरिड जॉइंट (Married Joint) :- इस प्रकार के जोड में तारो के सिरों और केबिल के कंडक्टर्स को आपस में एक दो बार ऐंठ देने के बाद एक सिरे को दूसरे सिरे पर मोड़ दिया जाता हैं। इस मोड़ का प्रयोग सीधे लाइन में अधिक दाब नहीं होना चाहिए, इसे सीधा जोड़ कहते हैं।
T जॉइंट :- इस प्रकार के जॉइंट के जगह में अचालक के जगह पर छिला जाता हैं और एक दूसरे एक दूसरे तार पर जोड़ दिया जाता हैं। इस जॉइंट को टी जॉइंट कहते हैं।
ब्रिटानिया जॉइंट :- इस प्रकार के जॉइंट ने तार के कंडक्टर के एक दूसरे के बराबर सटा के समकोण पर मोड़ दिया जाता हैं, दोनो तारो के बीच तीसरे तार को लपेटा जाता हैं। यह जोड़ बहुत मजबूत होता हैं। इसका प्रयोग ओवर हेड लाइन में किया जाता हैं।
वेस्टर्न यूनियन जोड़ (Western Union Joint) :- यह भी अधिक लोड सहने वाला जोड़ हैं। इसमें तार को एक दूसरे के उपर मजबूती से लपेट दिया जाता हैं। इसका उपयोग बड़े बड़े टावर के लाइन में किया जाता हैं।
एरियल टॉप जोड़ (Arial Top Joint) :- इस प्रकार के जोड में तारो के सिरों या चालक को आपस में लगाकर खुला रहने दिया जाता हैं। इसका प्रयोग जायदा गति वाले कंडक्टर्स में किया जाता हैं।
डुप्लेक्स क्रोस टॉप जॉइंट ( Duplex Cross Top Joint) :- यह जोड़ वहा पर प्रयोग किया जाता हैं, जहां पर दो चालको तार पर एक साथ निकलता हैं।
चालको को जोड़ते समय सावधानियां (Precautions while Joining the conductors) :-
- इन्सुलेशन हटाते समय चालको पर खरोंच न आए इसके लिए इन्सुलेशन को पेंसिल छिलने की तरह हटाए।
- तारो को जोड़ते समय ट्रेनिग नजदीक तथा मजबूत होना चाहिए।
- तार यदि एल्युमीनियम चालक का हो तो जोड़ लगाते समय उसे अधिक नही मोड़ना चाहिए।