अर्थिंग मनुष्यो एवं जानवरो से विद्युत झटका से बचाने तथा लीकेज करेंट प्रतिरोध को ग्राउंडिंग करता हैं।
अर्थिंग की विभिन्न विधियां(Different Methods Of Earthing) :- अर्थिंग चार प्रकार का होता हैं।
- प्लेट अर्थिंग
- पाइप अर्थिंग
- वाटर टैप
- रॉड अर्थिंग
- प्लेट अर्थिंग :- इस अर्थिंग को नमी वाले स्थानों में किया जाता हैं। इसको लगभग 90 सेमी × 90 सेमी का गढ़ा 1.5 से 3 मीटर की गहराई तक नमी होना चाहिए उसे अर्थिंग तर से नट बोल्ट के द्वारा जोड दिया जाता है।अर्थिंग प्लेट के चारो ओर नमक एवं चारकोल दिया जाता हैं।
- पाइप अर्थिंग :- अर्थिग की विधि सभी प्रकार के स्थानों पर प्रयोग की जा सकती हैं। इसमें लगभग 30 सेमी × 30 सेमी आकार का गड़ा से 2.5 से 4.0 मीटर तक गहराई तक खोदा जाता हैं।अर्थिंग तार लपेटकर जी आई वाशर सर्किट से कस दिया जाता हैं।
- रॉड अर्थिंग :- रॉड अर्थिंग सबसे सस्ती होती है तथा इसमें समय भी बहुत कम लगता है। इस विधि में तांबे या जस्ते की ठोस रॉड को जमीन के अंदर डाले जाते हैं।
- वाटर टैप अर्थिंग :- हैण्ड पाईप जमीन के अन्दर काफी गहराई तक गड़ा जाता है। इसके आस पास की जगह में नमी बनी रहती हैं। इस कारण यह प्रकार से कर पता हैं।अर्थिंग तार को कस कर बांध दिया जाता है।